रविवार, 23 सितंबर 2018

झूम खेती 

इस कृषि में, एक फसल काटने के बाद भूमि को कुछ वर्षों के लिए वेसे ही छोड़ दिया जाता है. उसपर कुछ नहीं उगाया जाता. उस भूमि पर उगने वाले बांस और झाड़ियों को कउखाड़ा नहीं जाता बल्कि काट कर जला दिया जाता है. राख भूमि को उपजाऊ बनाती है. आग जलाते समय यह ध्यान रखा जाता है की आग जंगल में ना फैले. जब भूमि खेती लायक हो जाती है तब इसे खोदा जाता है और बीज गिरा दिए जाते हैं. एक खेत में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जा सकती हैं जैसे मक्का, सब्जियां, मिर्च, चावल.टैंक सिंचाई
आदिवासी समाज (पूर्वोत्तर क्षेत्र)

एनपीके की खपत (आदर्श) = 4 : 2 : 1

भारत में = 5.5 : 2.7 : 1 (प्रयुक्त)

नेट काटने का कार्य क्षेत्र (भारत) = 142 लाख हेक्टेयर → 39% सिंचित
सिंचाई: वेल्स, नलकूप (60%) > नहर (27%) > टैंक (13%)
निवल सिंचित क्षेत्र: U.P. > M.P. > RJ
सिंचाई तीव्रता: PB > U.P.
टैंक सिंचाई: AP > TN > UP
कुआँ सिंचाई: UP > PB > Bihar
नहर सिंचाई: UP > RJ > HR

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