खरीफ और रबी की फसलों के बाद संपूर्ण वर्ष में कृत्रिम सिंचाई के माध्यम से कुछ क्षेत्रें में जायद की फसल उगाई जाती है। इस वर्ग की फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएँ सहन करने की अच्छी क्षमता होती हैं। उत्तर भारत में ये फसलें मूख्यतः मार्च-अप्रैल में बोई जाती हैं।इसे दो श्रेणी में रखा जाता है जिसे तालिका से समझा जा सकता है।
जायद खरीफ:
बीज लगाने का समयः अगस्त से सितम्बर
फसलों की कटाई का समयः दिसंबर से जनवरी
प्रमुख फसलें: धान, ज्वार, रेप्सीड, कपास, तिलहन, आदि।
जायद रबी:
बीज लगाने का समयः फरवरी से मार्च
फसलों की कटाई का समयः अप्रैल से मई
प्रमुख फसलें: खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, मूंग, लोबीया, पत्तेदार सब्जियां, आदि।
ज़ायद की फ़सल इस वर्ग की फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएँ सहन करने की अच्छी क्षमता होती हैं। ज़ायद की फ़सल सामान्यत: उत्तर भारत में मार्च-अप्रैल में बोई जाती है।
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