सोमवार, 24 सितंबर 2018

भारत की प्रमुख फसलें (Major crops of India in Hindi):

भारत एक कृषिप्रधान देश है तथा यहाँ पर अनेक प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। यहाँ पर हम भारत की प्रमुख फसलों के बारे महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान जानकारी दी गई है:-

चावल की फसल: चावल भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली फसल है। चावल उगाने के लिए 75 से.मी. से 200 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चावल बोते समय 20 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 27 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। चिकनी, कछारी तथा दोमट मिट्टी को चावल की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, आन्ध्र प्रदेश, ओड़िसा, उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु चावल के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

गेहूँ की फसल: गेहूँ उत्तर भारत की सबसे पसंदीदा फसल है। गेहूँ उगाने के लिए 25 से.मी. से 75 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चावल बोते समय 10 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 25 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। चिकनी तथा हल्की दोमट मिट्टी को गेहूँ की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पंजाब, हरयाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश गेहूँ के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

ज्वार की फसल: ज्वार भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। ज्वार उगाने के लिए 30 से.मी. से 100 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। ज्वार बोते समय 21 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 25 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की दोमट मिट्टी को चावल की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, तथा तमिलनाडु ज्वार के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

बाजरा की फसल: बाजरा भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। बाजरा उगाने के लिए 50 से.मी. से 70 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। बाजरा बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। बालुई मिट्टी को बाजरा की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान बाजरा के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

मक्का की फसल: मक्का भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। मक्का उगाने के लिए 50 से.मी. से 100 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। मक्का बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 30 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। गहरी दोमट मिट्टी को मक्के की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पजाब तथा राजस्थान मक्का के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

मूंगफली की फसल: मूंगफली भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। मूंगफली उगाने के लिए 75 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। मूंगफली बोते समय 15 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 25 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की रेतीली मिट्टी को मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ मूंगफली के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

चाय की फसल: चाय भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। चाय उगाने के लिए 200 से.मी. से 300 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चाय बोते समय 24 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 30 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की तथा उपजाऊ मिट्टी को चाय के बगानों के लिए उपयुक्त माना जाता है। गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ चाय के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

कपास की फसल: कपास भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। कपास उगाने के लिए 50 से.मी. से 100 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। कपास बोते समय 20 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 40 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। गहरी तथा मध्यम काली मिट्टी को कपास की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तथा हरयाणा कपास के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

गन्ना की फसल: गन्ना भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। गन्ना उगाने के लिए 100 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। गन्ना बोते समय 30 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। दोमट या नमी वाली गहरी तथा चिकनी मिट्टी को गन्ने की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक तथा आन्ध्र प्रदेश गन्ना के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं

जूट की फसल: जूट भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। जूट उगाने के लिए 100 से.मी. से 200 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। जूट बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। कांप मिट्टी को जूट की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओड़िसा तथा आन्ध्र प्रदेश जूट के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

सरसों की फसल: सरसों भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। सरसों उगाने के लिए 75 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। सरसों बोते तथा काटते समय 20 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। दोमट मिट्टी को सरसों की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब तथा असम सरसों के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

रेपसीड की फसल: रेपसीड भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। रेपसीड उगाने के लिए 75 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। रेपसीड बोते तथा काटते समय 20 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। दोमट मिट्टी को रेपसीड की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब तथा असम रेपसीड के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

चने की फसल: चना भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। चना उगाने के लिए 100 से.मी. से 200 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है। चना बोते समय 25 डिग्री सेल्शियस तथा काटते समय 35 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। हल्की दोमट तथा चिकनी मिट्टी को चने की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। पंजाब, हरयाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तथा महाराष्ट्र चना के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

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