आलू के खेत की शुरुआत – आलू की व्यावसायिक खेती
उचित और बड़े पैमाने पर करने पर, आलू की खेती आय का अच्छा स्रोत हो सकती है, बशर्ते कि आपके पास 5.2-6.7 pH वाली अच्छी सूखी, उपजाऊ मिट्टी हो। सीधी धूप पड़ना भी बहुत जरुरी है। मिट्टी की स्थिति के साथ-साथ आलू के बीज भी आलू की सफल खेती के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं। जलवायु भी महत्वपूर्ण है। गांठ बनना शुरू होने के लिए रात में 59 डिग्री फॉरेनहाइट (15 डिग्री सेल्सियस) से कम तापमान जरुरी होता है। कंद के सामान्य विकास के लिए मिट्टी का उचित तापमान 59 से 64 डिग्री फॉरेनहाइट (15 से 18 डिग्री सेल्सियस) है।
आलू के बीजों की खरीदारी में कुल व्यय का 50% लगता है। आपको अच्छे कम्पोस्ट, खाद की भी जरुरत पड़ सकती है और साथ ही जाहिर तौर पर आलू रोपने और निकालने के लिए कृषि संबंधी मशीनें भी किराये पर लेनी पड़ती हैं (बड़े पैमाने पर आलुओं को लगाने और उखाड़ने में कठिन मेहनत लगती है)। आलुओं को काफी लम्बे समय तक रखा जा सकता है (एक साल तक) जो इसकी खेती का एक प्रमुख लाभ है, जिससे किसानों को अपने उत्पादन के मूल्य निर्धारण और भौगोलिक विपणन के संबंध में लचीलापन और कई विकल्प मिलते हैं।
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